अपने आप नहीं होगा ऊंचाइयों को छूने के लिए मेहनत करना होगा। अपने आप नहीं होगा ऊंचाइयों को छूने के लिए मेहनत करना होगा।
यह प्रेम नहीं है ये जाल है, यह मन, मस्तिष्क की चाल है! यह प्रेम नहीं है ये जाल है, यह मन, मस्तिष्क की चाल है!
इस संसार को जो गतिवान बनाती है अपने कर्म की पूर्ती सदैव करने का जो देती है सन्देश वो शाश्वत सत्य है ... इस संसार को जो गतिवान बनाती है अपने कर्म की पूर्ती सदैव करने का जो देती है सन्दे...
तुम मुझे जानते हो या भूल गए तुम मुझे जानते हो या भूल गए
यह ज़िन्दगी यह ज़िन्दगी
चाहत नहीं खेल खेला बस। चाहत नहीं खेल खेला बस।